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April 17, 2015

मुजफ्फरपुर : चंपारण आंदोलन का प्रवेश द्वार

आज का दिन ऐतिहासिक है। .... 17 अप्रैल 1917 को गांधी जी चंपारण पहुंचे थे. दक्षिण अफ्रीका से लौटने के 2 वर्ष पश्चात हुआ यह आंदोलन चंपारण सत्याग्रह के नाम से इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ. अफसोस इस आंदोलन में मुजफ्फरपुर और विशेषकर एल एस कॉलेज के योगदान के इतिहास को इतिहासकारों ने तवज्जों नहीं दी, न ही इसे उचित स्थान मिल सका. इतिहास गवाह है कि गांधी 10 अप्रैल को मुजफ्फरपुर राजकुमार शुक्ल के साथ पहुंचे जहाँ ड्यूक हॉस्टल के छात्र अपने वार्डन आचार्य जे बी कृपलानी के नेतृत्व में आगवानी के लिए स्टेशन आये थे । गांधी को बघ्घी पर खींचकर विद्यार्थी हॉस्टल तक ले गए, वही वे रात में रुके। कृपलानी जी को इसी वजह से अंग्रेजी सरकार ने निष्काषित कर दिया। डॉ राजेंद्र प्रसाद व कृपलानी जी दोनों ने अपनी अपनी किताबों में इन घटनाओं का जिक्र विस्तार से किया है. पिछले दिनों 98 वर्ष पूर्व की यादों को पुनर्जीवित करने की सफल कोशिश कॉलेज प्रशासन ने किया।  उसकी कुछ झलकियाँ अख़बारों के जरिये आप भी देखे, पढ़े