खबरिया चैनलों, अखबारों के माध्यम से आजकल हर रोज कोई न कोई नया सर्वे होने की खबर मिलती रहती है. लेकिन दुखद बात है कि जहाँ एक तरफ राजनीतिक सर्वे को लेकर दिन-रात बहस होती दिखाई देती है, वही देश से जुड़े कुछ अहम् मुद्दे चर्चा के केंद्रबिंदु बनना तो दूर, बौद्धिक चिंतन और विमर्श के बगैर ही पुरे परिदृश्य से गायब हो जाते है. इसका ताज़ा उदाहरण ग्रामीण शिक्षा की बदहाल स्थिति को उजागर करने वाली असर का सर्वे रिपोर्ट है, जिसने भारत की बदहाल शिक्षा व्यवस्था का दुखद चित्रण प्रस्तुत किया है. यह रिपोर्ट देश के सुदूर बसे कुछ गाँवों में शिक्षा क्षेत्र में सक्रीय हमारे जैसे लोगों के लिए दुखद सच के बराबर था, जिससे हम हर दिन रूबरू होते रहते है.