हरदिल अज़ीज़ मुकेश
दा के गाए एक गीत के बोल कुछ इस तरह है..
“लिखे जो ख़त तुझे,
वो तेरी याद में,
हजारों रंग के, नजारे मिल गए,
सवेरा जब हुआ, तब
फुल खिल गए,
जो रात आई तो,
सितारें बन गए.”
ये गीत महज किसी
गीतकार के ख्यालों में आए शब्द नही, प्यार में डूबे दों माशूकाओं की खुबसूरत
दुनिया को जताने का तरीका भी बताता है. लेकिन तकनीकी (Technology) और इंटरनेट के सामाजिक मंचों (Social Networking
sites-Facebook/Twitter) ने इश्क-मोहब्बत की खूबसूरत "प्रेम पत्रों
की दुनिया" को बड़ी बेरहमी से उजाड़कर, इसे आज चैटिंग, ईमेल में बदल दिया है.