बीते दिनों
#ReadABookChallenge के तहत
कई किताबें
पढ़ी. विशेष
जिज्ञासा आचार्य
जेबी कृपलानी
के बारे
में जानने
की हुई
तो जानकारी
जुटाने के
लिए कई
पुस्तकों को
पढ़ा।
कृपलानी जी
को उनके
शिक्षा में
दिए योगदान
की वजह
से मै
सदैव स्मरण
करता हूँ।
उन्होंने मौलिक
अधिकारों से
जुड़े संविधान
सभा की
उप-समिति
का नेतृत्व
किया था।
समिति ने
14 वर्ष
तक की
आयु वाले
बच्चों की
शिक्षा को
मूल अधिकार
माना था,
जिसे संविधान
सभा ने
ठुकरा दिया
था। अंततः
यह शिक्षा
के अधिकार
कानून के
रुप में
2002 में
आंशिक रुप
से, 2009 में
पूरी तरह
यह लागू
हो सका।
कृपलानी के
राष्ट्रीय राजनीति
में आने
की कहानी
बेहद दिलचस्प
है।